आँखे
कह जातीं कुछ कह जातीं आँखे ।
अहसासों को झलकातीं आँखे ।
बह कर झर झर निर्झर निर्झर ,
कह जातीं सब कह जातीं आँखे ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@…
vivekdubeyji.blogapot.com
कह जातीं कुछ कह जातीं आँखे ।
अहसासों को झलकातीं आँखे ।
बह कर झर झर निर्झर निर्झर ,
कह जातीं सब कह जातीं आँखे ।
…. विवेक दुबे”निश्चल”@…
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