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23 Jul 2024 · 2 min read

आँखें (गजल)

कभी आँखों में घर करते, कभी आंखें बिछाते हैं।
कभी आँखों जगह देकर, कभी खुद को छुपाते हैं।।1
(आँखों में घर करना : आँखों में बसना, आँखों में समाना
आँखें बिछाना : इंतज़ार करना, सम्मान से किसी की राह देखना
आँखों पर जगह देना : इज्ज़त देना, सम्मान देना)

कभी खुद आंख से गिरते, कभी हैं सेंकते आंखें।
कभी काजल चुराते हैं कभी आंखें चुराते हैं।।2
(आँख से गिरना : अपमानित होना, ज़लील होना
आँख सेंकना : हसीनों को देखना
आँख का काजल चुराना : अय्यार होना, चतुर होना
आँख चुराना : कतराना, सामने ना आना)

किसी की आंख मुद जाती तो कटती रात आँखों में।
कोई आँशू छुपाते हैं, कोई आँशू बहाते हैं।।3
(आँख मुंदना : मर जाना, संसार से विदा हो जाना
आँखों में रात काटना : रातभर जागते रहना)

कभी है आंख आ जातीं तो आंखें बैठ भी जाती।
कभी पर्दा पड़ा आँखों, कहीं आंखें दिखाते हैं।।4
(आँख आना: आँखें दुखना
आँख बैठ जाना : रौशनी का चले जाना, अँधा हो जाना
आँखों पर पर्दा पड़ना : बेख़बर होना, मूढ़ हो जाना
आँख दिखाना : घूर कर देखना, डराना)

कभी आँखें करें रोशन, कभी वो लाल कर लेते।
कभी आँखें हैं भर आतीं, कभी आँखें उठाते हैं।।5
आँख रोशन करना : खुश होना
आँखे लाल करना: क्रोध की नजर से देखना।
आँखें भर आना: आँशू आना।
आँख उठाना = देखने का साहस करना

कभी आंखें हैं लड़ जातीं, लड़ाते हैं कभी छुप-छुप।
कभी आँखों खटकते है, उतर आँखों से जाते हैं ।।6
(आँख लड़ना : मुहब्बत होना, प्रेम होना
आँख लड़ाना: आशिकी करना
आँख में खटकना : अप्रिय होना, नापसंद होना
आँखों से उतर जाना : तुच्छ व अपमानित होना )

किसी ने आंख बदली है उठा आंखें नहीं देखा।
कभी वो आँख पट्टी रख, बचाकर आँख आते हैं।।7
(आँख बदलना : बेमरव्वत हो जाना, बेवफ़ा हो जाना
आँख उठाकर न देखना : उपेक्षा करना, घमंड करना, शर्म करना
आँखों पर पट्टी बांधना : असावधान और बेख़बर होना
आँख बचा के आना : चोरी-छुपे आना)

कभी है फूलती सरसों, टपकता खून आखों से।
कोई आंखे करे नीची, सिर आँखो पे बिठाते हैं।।8
(आँखों में सरसों फूलना : आँखों का पीला होना, नशे में डूब जाना
आँखों से खून टपकना : बहुत ज़्यादा ग़ुस्सा होना
आँखें नीची करना: लाक्षणिक) लज्जा से सर झूकाना, शर्माना, लजाना, झेंपना
सिर आँखों पर बिठाना, बैठाना या रखना: बहुत आदर सत्कार करना।)

कभी बसते हैं आँखों में, व देखें आँख भर कर के।
कभी सूरत है फिर जाती, कभी नजरें फिराते हैं।।9
(आँख में बसना : पसंद आना, प्रेम होना
आँख भर कर देखना : गौर से देखना, ध्यान से देखना
आँखों में सूरत फिर जाना : किसी की याद आना, किसी की सूरत का याद आजाना
नजरें फेरना: अनदेखा करना।)

कोई आँखों का तारा है, किसी ने आंख है मारा।
न झोंको धूल आँखों में, सभी को सच बताते हैं।।10
(आँख का तारा (बहुत प्यारा)
आँख मारना : इशारा करना, मुहब्बत भरा इशारा करना, व्यंग्य करना, मज़ाक़ उड़ाना
आँखों में धूल झोंकना=धोखा देना।)

मिली हमको अगर आंखें, सदा सीधी रखें ‘कौशल’।
नहीं होतीं जिन्हें आंखें, न दुनिया देख पाते हैं।11
(आँख सीधी रखना : मेहरबानी का बर्ताव करना)

हज़ज मुसम्मन सालिम
मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन
1222, 1222, 1222, 1222

Language: Hindi
1 Like · 40 Views
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