बे मन सा इश्क और बात बेमन का
हनुमान वंदना त्रिभंगी छंद
जैसे हातों सें रेत फिसलती है ,
if you have not anyperson time
"बैठे हैं महफ़िल में इसी आस में वो,
प्रश्न अगर हैं तीक्ष्ण तो ,
ना मुझे मुक़द्दर पर था भरोसा, ना ही तक़दीर पे विश्वास।
If you want to be in my life, I have to give you two news...
■ उल्टी गंगा गौमुख को...!
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
*अदृश्य पंख बादल के* (10 of 25 )