प्यार..... करना, जताना और निभाना... तीनो अलग अलग बाते है.. प
तेरी दहलीज़ पर जब कदम पड़े मेरे,
कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के
मुश्किल जब सताता संघर्ष बढ़ जाता है🌷🙏
ये मोहब्बत की कहानी नही मरती लेकिन
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
*डॉ. सुचेत गोइंदी जी : कुछ यादें*
बदल देते हैं ये माहौल, पाकर चंद नोटों को,
जीवन में सबसे मूल्यवान अगर मेरे लिए कुछ है तो वह है मेरा आत्