Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2016 · 2 min read

अॉड ईवन

अॉड और ईवन” १
~~~~~~~~~~~
निशा के घर उसकी बचपन की सहेली मोनाली आई थी। सालों बाद मिल रही थीं दोनों। मोनाली के पति का ट्रांसफर जो हो गया था निशा के ही शहर में। बहुत खुश थीं दोनों। यादों का पिटारा खोले बैठी थीं।
बातों-बातों में मोनाली ने निशा के छोटे भाई हरेश के बारे में पूछा। बहुत छोटा देखा था उसे। निशा ने बताया हरेश की शादी हो गई है चार महीने हुए। इंजीनियर है अच्छी कंपनी में।मोनाली हंस दी कि इतना बङा हो गया अपना छुटका।
“और बहू कैसी आई है” मोनाली ने पूछा।
निशा ने गर्वीले स्वर में बताना शुरु किया “बहुत अच्छी और संस्कारी है सीमा..बहुत ध्यान रखती है अपने सास ससुर और पति का..पूरे घर को अच्छे से संभाल लिया है.. घर को घर समझती है ..और तो और कभी पलट कर जबाब नहीं देती कोई कुछ कह दे तो..कहती है बड़े अधिकार समझते हैं तभी तो कुछ कहते हैँ..सच में मोनाली .. बड़ा सौभाग्य है जो इतनी सरल और घर को जोड़ कर रखने वाली लक्ष्मी जैसी लड़की हमारे घर में आई। अब मुझे मां पिताजी की बिल्कुल चिंता नहीं।भगवान करे मेरे बेटे को भी ऐसी पत्नी मिले।””
मोनाली ने खुश होकर कहा ” ये तो बहुत अच्छी बात है वरना आजकल ऐसी समझदार बहुएं मिलना मुश्किल है।”
तभी निशा का पति सोम घर में दाखिल हुआ । अपनी बीमार मां को देखकर आया था गांव से। गर्मी बहुत थी और थकान भी थी इसलिए औपचारिक अभिवादन करके वह हाथ मुंह धोने चला गया।
काफी देर तक निशा जब नहीं उठी तो सोम ने बाहर आकर उससे कहा ” मुझे आधा घंटा हो गया आए तुमने पानी तक नहीं दिया।”
सुनते ही निशा बौखला गई। सहेली के सामने बेइज्जती जो हुई थी ।
दोनों में बहस होने लगी। मोनाली सुन रही थी ।
निशा ने कर्कश स्वर में आखिरी जहर बुझा चौका लगाया ” समझती हूँ सब
गांव से आए हो। बुढ़िया ने पट्टी पढ़ाकर भेजा होगा। तभी आते ही झगड़ने लगे।”
सोम के कानों में शीशा सा घुल गया। उसकी आंखों में बीमार मां का चेहरा घूम गया जिसने ऐसे तैसे करके अपने बेटे बहू के लिए देसी घी का हलवा और पापड़ बनाकर भेजे थे ।
दिल ही दिल रोता हुआ वो घर से बाहर निकल गया क्योंकि और बातें नहीं सुन सकता था।
उधर मोनाली निशा के विचारों की अपने हिसाब से लगाई गई सम- विषमता देखकर भौंचक्की थी। ”
अंकिता

Language: Hindi
1 Comment · 406 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
ये दुनिया है साहब यहां सब धन,दौलत,पैसा, पावर,पोजीशन देखते है
Ranjeet kumar patre
हम
हम "बालकृष्ण" के भक्तों का
*Author प्रणय प्रभात*
मिसाल
मिसाल
Kanchan Khanna
झील बनो
झील बनो
Dr. Kishan tandon kranti
2482.पूर्णिका
2482.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
वह देश हिंदुस्तान है
वह देश हिंदुस्तान है
gurudeenverma198
आ ख़्वाब बन के आजा
आ ख़्वाब बन के आजा
Dr fauzia Naseem shad
*** आकांक्षा : आसमान की उड़ान..! ***
*** आकांक्षा : आसमान की उड़ान..! ***
VEDANTA PATEL
तारों का झूमर
तारों का झूमर
Dr. Seema Varma
राजस्थानी भाषा में
राजस्थानी भाषा में
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
💐प्रेम कौतुक-517💐
💐प्रेम कौतुक-517💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कहां गये हम
कहां गये हम
Surinder blackpen
*सरस्वती जी दीजिए, छंद और रस-ज्ञान (आठ दोहे)*
*सरस्वती जी दीजिए, छंद और रस-ज्ञान (आठ दोहे)*
Ravi Prakash
ममतामयी मां
ममतामयी मां
SATPAL CHAUHAN
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / MUSAFIR BAITHA
चुप्पी और गुस्से का वर्णभेद / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
कबूतर इस जमाने में कहां अब पाले जाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
जगदीश शर्मा सहज
+जागृत देवी+
+जागृत देवी+
Ms.Ankit Halke jha
चिड़िया!
चिड़िया!
सेजल गोस्वामी
श्रम करो! रुकना नहीं है।
श्रम करो! रुकना नहीं है।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
मजा आता है पीने में
मजा आता है पीने में
Basant Bhagawan Roy
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
गंतव्य में पीछे मुड़े, अब हमें स्वीकार नहीं
Er.Navaneet R Shandily
Wishing you a very happy,
Wishing you a very happy,
DrChandan Medatwal
!! फूल चुनने वाले भी‌ !!
!! फूल चुनने वाले भी‌ !!
Chunnu Lal Gupta
इंसान एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त थे
इंसान एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त थे
ruby kumari
बेबसी (शक्ति छन्द)
बेबसी (शक्ति छन्द)
नाथ सोनांचली
जागो तो पाओ ; उमेश शुक्ल के हाइकु
जागो तो पाओ ; उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
पूर्बज्ज् का रतिजोगा
पूर्बज्ज् का रतिजोगा
Anil chobisa
* मधुमास *
* मधुमास *
surenderpal vaidya
Loading...