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27 Oct 2019 · 1 min read

अ़सर

ग़र्म चट्टानों पर गिरती बरसात की बूँदें जिस कदर बेअ़सर होकर फ़ुँगा बन जातीं हैं।
उसी तरह मज़लूमों के आँसुओं का पत्थर दिल ज़ालिमों पर अ़सर नहीं होता।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 248 Views
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