अ़सर
ग़र्म चट्टानों पर गिरती बरसात की बूँदें जिस कदर बेअ़सर होकर फ़ुँगा बन जातीं हैं।
उसी तरह मज़लूमों के आँसुओं का पत्थर दिल ज़ालिमों पर अ़सर नहीं होता।
ग़र्म चट्टानों पर गिरती बरसात की बूँदें जिस कदर बेअ़सर होकर फ़ुँगा बन जातीं हैं।
उसी तरह मज़लूमों के आँसुओं का पत्थर दिल ज़ालिमों पर अ़सर नहीं होता।