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6 Feb 2024 · 1 min read

अहसास

तुम्हें……..
न अहसास होगा
न जाहिर होगा
जो होगा
अनुभूति के पार होगा
तुम्हें……..
न दरखास्त देनी
न गुहार लगानी
जितनी ……
तुम्हें जरुरत
जैसी …….
तुम्हारी बिसात
चुपके से रख देगा
तुम्हारी…….
सामर्थ्य की जेब में
खुशियों की चवन्नी
संगीता बैनीवाल

1 Like · 148 Views

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