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12 Jun 2020 · 1 min read

अहम अविद्या

अहम अविद्या ईर्ष्या लालच घटिया सोंच।
प्रगतिमार्ग बाधित करें, ज्यों गति पग की मोच।

पग की जालिम मोच, पाँव की बनती बेड़ी।
देते घाव खरोंच, दोष ये बड़े खखेड़ी।

कह संजय कविराय, सीख लो ऐसी विद्या।
मोच पैर की जाय, दूर हो अहम अविद्या।।

संजय नारायण

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