अहद
अहद
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“आप कहें तो हम,”जानेंसार” कर दें ।
मगर जिंदगी में,”वफा” भी कहाँ दें!!
ग़म तो ये है कि वो”अहदे”वफा टूट गया ।
बेवफा कोई भी हो,”तुम”न सही हम सही ।।
आप कहें तो वो, सबकुछ भुला दें ।
मगर जिंदगी में “वफा “भी कहाँ दें ।।
आप मुस्काये हम तो,”जिंदगी” लूटा दें ।
चलो जिंदगी को, “मोहब्बत” बना दें ।।
जिंदगी के सारे “शिकवे”पल में भूला दें।
वफा पर वफा हम कैसे लूटा दें”।।==========================
प्रतिभा कुमारी- गया ✍️