Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jul 2021 · 1 min read

अहं के अंधकार मेँ

अहं के अंधकार मेँ

मैं ही राजा, मैं ही प्रजा
मैं ही ईश, मैं ही जीव
मैं ही अग्नि, मैं ही जल
मैं ही प्रकाश, मैं ही अंधकार
मैं आकर, मैं ही प्रकार
मैं ही अहं, मैं ही व्यंग
मैं ही योगी, मैं ही भोगी
मैं ईश मेँ समर्पित
ईश मेरे मेँ समर्पित
मैं सब मेँ समर्पित
सब मेरे मेँ समर्पित
अतः
मैने खाया, सब ने खाया
मैंने पूजा, सब ने पूजा
मैं ही मेँ, मैं ही मैं..
अहं ब्रह्मः अस्मि
ॐ तत सत
मनुष्य जीवन में “अहं ”
क्षती स्पर्धा लाती है,
एवं जीवन सम्पूर्ण रुप से
त्राहि त्राहि हो जाती है

Language: Hindi
402 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पत्रकार की कलम देख डरे
पत्रकार की कलम देख डरे
Neeraj Mishra " नीर "
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
कितनी ही दफा मुस्कुराओ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
" लो आ गया फिर से बसंत "
Chunnu Lal Gupta
क्रोध
क्रोध
ओंकार मिश्र
*नेत्रदान-संकल्प (गीत)*
*नेत्रदान-संकल्प (गीत)*
Ravi Prakash
फ़र्क़ नहीं है मूर्ख हो,
फ़र्क़ नहीं है मूर्ख हो,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नारियां
नारियां
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
पिता
पिता
sushil sarna
अंतस का तम मिट जाए
अंतस का तम मिट जाए
Shweta Soni
*शब्द*
*शब्द*
Sûrëkhâ
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
एक न एक दिन मर जाना है यह सब को पता है
Ranjeet kumar patre
एक मीठा सा एहसास
एक मीठा सा एहसास
हिमांशु Kulshrestha
ऑंधियों का दौर
ऑंधियों का दौर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
साँवरिया
साँवरिया
Pratibha Pandey
अलग सी सोच है उनकी, अलग अंदाज है उनका।
अलग सी सोच है उनकी, अलग अंदाज है उनका।
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
-        🇮🇳--हमारा ध्वज --🇮🇳
- 🇮🇳--हमारा ध्वज --🇮🇳
Mahima shukla
"वेश्या"
Dr. Kishan tandon kranti
*पृथ्वी दिवस*
*पृथ्वी दिवस*
Madhu Shah
दूरदर्शिता~
दूरदर्शिता~
दिनेश एल० "जैहिंद"
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Rekha Drolia
वृक्षों के उपकार....
वृक्षों के उपकार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
इतने दिनों बाद आज मुलाकात हुईं,
Stuti tiwari
मज़हब नहीं सिखता बैर 🙏
मज़हब नहीं सिखता बैर 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इश्क़ का दामन थामे
इश्क़ का दामन थामे
Surinder blackpen
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
मुक्तक _ चलें हम राह अपनी तब ।
Neelofar Khan
अपने लक्ष्य की ओर उठाया हर कदम,
अपने लक्ष्य की ओर उठाया हर कदम,
Dhriti Mishra
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
भारत कि गौरव गरिमा गान लिखूंगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
माणुष
माणुष
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
23/170.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/170.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...