असीम शांति
असीम शांति
जब गुरतेज की पत्नी जिन्दा थी तो दोनों पुत्रों व पुत्री की लाख मिन्नतों के बावजूद अपना पुश्तैनी गाँव व घर नहीं छोड़ा। वे ऊन्हें अपने यहाँ विदेश में अपने पास बुलाते रहे। लेकिन नहीं गए।
पत्नी की मृत्यु के बाद गुरतेज अकेलापन महसूस कर रहा था। इसलिए बड़े बेटे के पास कनाडा चला गया।
कनाडा में एक रोज पौत्र की शैतानी पर उसे डांट-डपट दिया। पौत्र ने पुलिस स्टेशन में फोन कर दिया। कुछ ही देर में गुरतेज को पुलिस गिरफ्तार करके ले गई।
शाम को उसका बेटा व पुत्रवधु काम से लौटे तो पिता जी को घर में नहीं पाया। पुत्र से पूछने पर सारा मामला समझ आया।
वे पुलिस स्टेशन गए और अपने पिता जी को छुड़ा कर लाए।
गुरतेज अगली सुबह ही भारत के लिए निकल पड़ा। अपने घर पहुंच कर असीम शांति महसूस की।
-विनोद सिल्ला