हिंदी दोहे - हर्ष
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
प्यार का दुश्मन ये जमाना है।
बहुत ज्यादा करीब आना भी एक परेशानी का सबब है।
कहने के लिए तो बहुत शब्द लाया हूँ ।
*.....मै भी उड़ना चाहती.....*
Nothing you love is lost. Not really. Things, people—they al
*आओ-आओ इस तरह, अद्भुत मधुर वसंत ( कुंडलिया )*
प्रीतघोष है प्रीत का, धड़कन में नव नाद ।
बड़ा भोला बड़ा सज्जन हूँ दीवाना मगर ऐसा
अब क्या करोगे मेरा चेहरा पढ़कर,
लोन के लिए इतने फोन आते है
E certificate kab tak milega
अच्छा है कि प्रकृति और जंतुओं में दिमाग़ नहीं है
पंचचामर छंद एवं चामर छंद (विधान सउदाहरण )
प्रकृति का दर्द– गहरी संवेदना।