असली वज़ह
अदिति ने अपने पति विमर्ष से कुछ परेशान होते हुए कहा -” देखिए आजकल कोरोना की बड़ी खबरें आ रही हैं , इसलिए मैंने कुछ सोचा है । यदि बुरा न मानो तो कहूं ? ” “हां , कहो । ” “मैं सोचती हूं कि कुछ दिनों के लिए पिताजी को गांव भेज देते हैं , उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें गांव में रहना ही ज्यादा ठीक रहेगा । यहां शहर में कई तरह के लोगों का आना-जाना उनके स्वास्थ्य के लिए शायद ठीक नहीं होगा । ” ” तुम्हारा सोचना ठीक है, लेकिन गांव में उन्हें परेशानी होगी । वे अकेले कैसे करेंगे सब ? ” आखिर विमर्ष को भी अपने पिता की चिंता थी । इसलिए उन्होंने अदिति के सामने अपनी चिंता जाहिर कर दी । ” वे पहले भी अकेले रहे हैं , अभी भी अपना काम कर ही सकते हैं । “अदिति ने अपनी बात पर मुहर लगाते हुए कहा । अगले ही दिन विमर्ष अपने पिता को गांव छोड़ लौट आए । ” छोड़ आए ” अदिति ने पूछ लिया । ” हां ” विमर्ष कुछ चिंतित स्वर में बोले । स्त्रियोचित स्वभाव के वशीभूत अदिति बोल उठी ” अच्छा हुआ पिताजी को गांव छोड़ आए । उनकी उम्र अधिक है वे जल्दी संक्रमित हो सकते हैं । उनके कारण दोनों छोटे बच्चों को परेशानी हो सकती थी । ” अदिति की बात सुन विमर्ष अवाक रह गए । अब उन्हें पिता की अधिक चिंता होने लगी थी ।