तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
ग़ज़ल
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तुम्हारे ही ख्यालों में हम भीगते हैं ।
असर चाहतों का सनम देखते हैं ।।
तुम्हारी वफ़ा हम सदा चाहते हैं।
मुहोब्बत की डोरी से हम बांधते हैं ।।
ठिकाना हो मेरा तुम्हारी ये सांसे।
रहो तुम सलामत यही मांगते हैं ।।
शमां है सुहाना ये मौसम दीवाना ।
दिलों में है हलचल तुम्हें ढूंढते हैं ।।
कभी चांद हमको गगन से सताता ।
सितारों का दिल पर सितम देखते हैं ।।
पवन जा के उनको बुला दो जरा ।
नहीं चैन मिलता उन्हें सोचते हैं ।।
तुम्हें चांद माना कसक है अनोखी
मुहोब्बत का “ज्योटी”असर देखते हैं ।।
ज्योटी श्रीवास्तव (jyoti Arun Shrivastava)
अहसास ज्योटी 💞 ✍️