अश्रुनाद
. …. मुक्तक ….
अनुपम आह्लादित घेरा
तुममें संचित है मेरा
अंतर्मन में जो चित्रित
कण- कण है चित्रण तेरा
अँग्रेज़ी भावानुवाद
Matchless gleeful has circulated .
My everything , on you has collected .
Which drawn in the inner of mind .
Thy ! has everything delineated .
डा. उमेश चन्द्र श्रीवास्तव
लखनऊ