अशांत मन
चिंतित है मन,अशांत अधीर है मन,
वर्तमान की समस्याओं को देखकर.
पानी मिलता नहीं, शराब की भरमार,
मंहगाई डायन बैठी लम्बे पांव पसार..
बेईमान की पहचान,मांगता अनहोनी,
जो है उसे देता नहीं,सबकी ये कहानी.
व्यवहार में दोष है,दूरुस्त करे पहचान,
गति का एक गवाह राह करे आसान.
मन के अनेक जंजाल, फंसता बारंबार,
मन ही तरनतारन,इस पार या उस पार.
अशांत मन ,असंतुष्ट मन
मौके ज्यादा तलाशता है.
शांत मन है पानी खडे हुआ.
करेगा पैदा दुर्गंध,जीना हराम.
.
अशांत मन की ऊपज
हम और आप
जैसे काव्य हृदय सम्राट.
व्यवाहरिक दोष त्रुटि
करती है प्ररेरित,
कलम उठाने को,
करुणा प्रेम समर्पण बहाव प्रवाह के
अशांत मन था,
मांझी ने पहाड़ तोड़ डाला,
सृजन का जनक हो जाता है.
घटना पक्ष में घटित हों.
विनाशकारी हो सकता है अशांत मन,
भौतिक उत्पाद के तोड़ फोड़ वाली हो.
उदाहरण बंदर प्रवृत्ति के हो.