अशहार”
“सब को अपने जैसे रखना,
होंठों पे मत शिकवें रखना,।
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लौट सभी आयेंगे अपने,
खुले हुए दरवाजे रखना।
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बस न जाये फ़ज़ा में पतझर,
हरी भरी कुछ शाखें रखना।
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नाचे सदा मयूरा मन का,
कुछ भीगी बरसातें रखना।
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हँसा सको तुम उदासियों को,
पास में कुछ मुस्काने रखना।
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#रजनी