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3 Oct 2022 · 1 min read

3*अविरल चुस्की चाय की “रसराजसौरभम्”

आपके साथ की चाय अच्छी लगी *
आपने कप बढ़ाया झिझकते हुए
काँपते हाथ की चाय अच्छी लगी ।1।
आपके साथ की …*

शाम भीगी हुई गुनगुनी पर लगी
बात थी सब वही अनसुनी पर लगी
जो सुबह में मिली वो थी हल्की जरा
पर कड़क रात की चाय अच्छी लगी ।2।
आपके साथ की …*

रात भर एक बादल रहा पास में
आपने आम को रख दिया खास में
आगोस में आपके भीगते हम रहे
तेज बरसात की चाय अच्छी लगी ।3।
आपके साथ की …*

कुर्सियों में जो दूरी थी कम हो गई
एक रक्तिम हथेली थी नम हो गई
होंठ पर भी एक मौसम टहलने लगा
ऐसे जज्बात की चाय अच्छी लगी ।4।
आपके साथ की …*

फूल में भी एक सपना नहाता रहा
पास भौरे ने आकर तभी कुछ कहा
ऐसे हालात बनते ही कितने हैं अब
खश्ते-हालात की चाय अच्छी लगी ।5।
आपके साथ की …*

एक -रिश्ता बना अधबना रह गया
मेरा अनकहा गुरूर तना रह गया
हमको नुक्कड़ की गुमती ही भाई बहुत
अपनी औकात की चाय अच्छी लगी ।6।
आपके साथ की …*

जब प्रिया नैनों से नैन मेरे मिल गये
जब हृदय के प्रसून तेरे खिल गये
जब सुहाना सफर दौर चलने लगा
इश्के- सौगात की चाय अच्छी लगी ।7।
आपके साथ की …*

जब खुद ही पैरों से की मैंने गुश्ताखियाँ
तब अचानक सिहर तूने ली सिसकियाँ
मिलन पहली मुलाकात की वो छटा
मोहबते-शुरूआत की चाय अच्छी लगी ।8।
आपके साथ की …*

*आशीष अविरल चतुर्वेदी *
प्रयागराज
सर्वाधिकार सुरक्षित पूर्णतः
मौलिक एवं अप्रकाशित

Language: Hindi
Tag: गीत
112 Views

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