अवसरों की कमी नहीं, कमी है दक्षता की
अकसर लोगो को कहते सुना है बाज़ार मे रोज़गार नहीं है, कही भी नौकरी नहीं लग पा रही है I युवा पीढ़ी रोजगार को लेकर चिन्ता ग्रस्त है I हमारे देश में रोजगार के अवसरों की कोई कमी नहीं है । बशर्ते हम उनके अनुरूप बने। युवाओ को अपने मौजूदा ज्ञान को इंडस्ट्री के अनुरूप बनाना पड़ेगा I कोई भी डिग्री सार्थक नहीं जब तक कि आपको उस डिग्री के अनुरूप ग्यान हासिल नहीं करेंगे I मात्र डिग्री ही पर्याप्त नहीं है I भारत में रोजगार के अवसरों की कमी नहीं अपितु हमारी क्षमता उनके अनुरूप हो। यदि आपमे क्षमता है तब आप आपको रोजगार लेने वाला न बनकर उसके विपरीत रोजगार देने वाला बनना चाहिए। जिससे देश की बेरोजगारी की समस्या को और बह्तर तरीके सुलझाया जा सके I यदि आप खुद का सही आकलन करते है तब वास्तव मे आपका सही
मेहनत कर पायेन्गे I आज के युवा अपने ग्यान कौशल मे निखार न लाकर इधर उधर शोर्टकट मे विश्वास रखते है I आप लम्बी रेस का घोडा बनना चाह्ते है तो आपको कठिन परिश्रम ही करना है I आपका किया गया परिश्रम कभी भी बेकार नहीं जाता है I यदि आप अपनी लगन योग्यता के बल पर स्वम को तैयार करते है तब आप खुद के मुताबिक पैकेज और कार्य शैली पायेन्गे I लाखो करोड़ो के पैकेज वाले अवसर आपका इन्त्ज़ार कर रहे है बस जरुरत है दक्षता की और खुद के बहतरीन प्रदर्शन की I निपुण व्यक्ति और बहता जल ज्यादा समय तक रुक नहीं सकता वह खुद के लिये रास्ते खोज ही लेता है I
प्रो. युक्ति वार्ष्णेय ‘सरला’