अवसरवादी आदमी
लोकतंत्र के खेल हैं, सचमुच बहुत विचित्र !
स्वार्थ सिद्ध हो तो बने, पल में दुश्मन मित्र !!
अवसरवादी आदमी,ज्यादा घिसा कमीज !
देंगे धोखा एक दिन,……चाहे रहें अजीज !!
रमेश शर्मा
लोकतंत्र के खेल हैं, सचमुच बहुत विचित्र !
स्वार्थ सिद्ध हो तो बने, पल में दुश्मन मित्र !!
अवसरवादी आदमी,ज्यादा घिसा कमीज !
देंगे धोखा एक दिन,……चाहे रहें अजीज !!
रमेश शर्मा