* अवधपुरी की ओर *
** मुक्तक **
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कदम सभी के बढ़ रहे, अवधपुरी की ओर।
हर्षित जन समुदाय का, कोई ओर न छोर।
सभी दिशाओं में सजे, स्वागत द्वार विशाल।
भव्य अयोध्या देखकर, सब हैं भाव विभोर।
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सभी दिशाएं हर्ष से, हुई प्रफुल्लित आज।
पूरा होने जा रहा, प्रभु राम का काज।
भव्य अलंकृत हो रहे, स्वागतार्थ शुभ द्वार।
सही अर्थ में धर्म की, गूंज रही आवाज।
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यह मन्दिर है प्रभु राम का, नव निर्मित अति भव्य।
सबका मन करता आह्लादित, अति सुन्दर है दृश्य।
अनगिन संघर्षों से आया, प्रतिफल बहुत महान।
स्थान विश्व में इसके जैसा, कहीं नहीं है अन्य।
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नये कलेवर में लौटा है, खोया गौरव आज।
और पूर्णता प्राप्त कर रहा, सियाराम का काज।
धन्य धन्य भारत की धरती, धन्य अयोध्याधाम।
सत्य सनातन धर्म की सदा, है बुलंद आवाज।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य,