अवकाश के दिन
अवकाश के दिन
धर्म कर्म में वक्त बिताता।
माँ दुर्गा को याद दिलाता।।
हे माँ!मुझको छोड़ न देना।
अपनी गोदी में भर लेना।।
कुछ दूरी पर रामेश्वर हैं।
दर्शन देते शिवशंकर हैं।।
साधु-संत सब कथा सुनाते।
जीवन का वे मर्म बताते।।
छुट्टी ही खुशहाली लाती।
आध्यात्मिक रस सहज पिलाती।।
दुख-तनाव से मुक्ति दिलाती।
रोजमर्रा से मुक्त कराती।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।