अल्फाजों रूह मेरी,
अल्फाजों रूह मेरी,
कविता में है जीवन मेरा
मेरी मेरा गीत,
गजलों में है साँस मेरी
अनंत प्रेम के भाव झलकते
दुख सुख के छलकते भाव
लिखने बैठूं जो, लिख नहीं पाता
जब तक मन के रिसते नहीं घाव
हिमांशु Kulshrestha
अल्फाजों रूह मेरी,
कविता में है जीवन मेरा
मेरी मेरा गीत,
गजलों में है साँस मेरी
अनंत प्रेम के भाव झलकते
दुख सुख के छलकते भाव
लिखने बैठूं जो, लिख नहीं पाता
जब तक मन के रिसते नहीं घाव
हिमांशु Kulshrestha