” सो जाते “
कभी ख्वाहिशें करते थे कि ,
इस खुले आसमां में भी हम गोते लगाते ।
आज उड़ रहे हैं आसमां में मन करता है कि ,
उस मां की गोद में फिर सो जाते ।।
✍️ ज्योति ✍️
कभी ख्वाहिशें करते थे कि ,
इस खुले आसमां में भी हम गोते लगाते ।
आज उड़ रहे हैं आसमां में मन करता है कि ,
उस मां की गोद में फिर सो जाते ।।
✍️ ज्योति ✍️