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13 Jan 2019 · 2 min read

अालस

आजकल तो ऐसा लगने लगा है जैसे आलस लोगों के टाइम टेबल में ही शामिल हो गया है। वैसे सब लोग तो अलसी नहीं है। मगर वो भी है। हैरानी हो रही होगी की कोई आदमी अलसी है और नहीं भी है। तो चलिए अब और ये पढ़िए और जान जाइये अपने सवालों के जवाब। तो दोस्तों मैं एक बच्ची हूँ तो सबसे पहले बच्चों का आलस जानते है। मुझे पता आप में से सभी बच्चे तो ज़रूर ऐसे ही होंगे।

सुबह पांच बजे की घंटी बजती है। हम बच्चे वो घंटी सुनते है मगर उठने के बजाए तकिये से कान बंद कर वापिस सो जाते है। कई बच्चे तो सीधा घंटी बंद कर देते है। फिर थोड़ी देर बाद मम्मी आकर डाटना शुरू कर देती है।

फिर हम धीरे धीरे उठते है और समय को खूब कोसते है। फिर धीरे धीरे ब्रश होता है और फिर नहाया जाता है।

फिर तैयार हो कर नाश्ता किया जाता है। इसी में बस का समय हो जाता है और मम्मी जल्दी करने के लिए चिल्लाती है। वो जल्दी से हमारा बैग पैक कर के हमे स्कूल के लिए रवाना करती है। फिर हम स्कूल से आकर खाना खाते है और होमवर्क करते है। फिर सो जाते है। शाम को थोड़ा देर बाहर खेलते है। वैसे कई बच्चे होते है जो स्कूल से आकर सो जाते है उठ के खाना खाते है और होमवर्क करते है। फिर वीडियो गेम खेलते है और कार्टून देखते है। ये तो स्कूल डेज़ का आलस था। अब थोड़ा होलिडेज़ का आलस पढ़ते है। हॉलिडेज़ में हम सुबह दस ग्यारह बजे उठते है। उठ कर थोड़ी देर मोबाईल नहीं तो कम्प्यूटर में लग जाते है। फिर नहा कर नाश्ता करते है। फिर थोड़ी देर कम्प्यूटर पे वीडियो गेम खेला जाता है और कार्टून देखा जाता है। फिर थोड़ी देर सोया जाता है। उठकर ट्यूशन जाते है। आकर फिर से गेम खेलते है। फिर डिनर करके सो जाते है। तो ये था हम बच्चों का आलसपन। वैसे मुझ मे भी थोड़ा बहुत आलसपन है।

तो अब बड़े लोग तैयार हो जाइये अपने आलसपन के बारे में सुनने के लिए।वैसे बड़े लोग कम आलसी होते है

मुझे पता है की ज्यादातर बड़े ऐसे ही होंगे।

राशन अगर घर का ख़त्म हो जाये तो दुकान जाने की जगह ऑनलाइन शॉपिंग होती है। अगर कोई सामान खो जाये तो ऑनलाइन ही उस सामान को खरीद लेते है। और वो समान सही है की नहीं ये जानने के लिए उसका डिस्क्रिप्शन पढ़ के बोल देते है की ये सही है। अगर ख़राब मिला तो भाई सर पकड़ कर बैठ जाएँगे।कई लोग तो घर में नौकर लगा के रखते है। खुद सारा दिन पड़े रहते है। और मोठे हो जाते है। वैसे मेरे पापा मम्मी भी ऑनलाइन शॉपिंग करते है।

तो ये पढ़ कर आपको बहुत मजा आया होगा। अगर कोई ऐसा है तो अपनी ये आदत सुधार लें । वार्ना आप आलसियों की गिनती में आएंगे।

वेधा सिंह

Language: Hindi
Tag: लेख
338 Views
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