अलसाई शाम और तुमसे मोहब्बत करने की आज़ादी में खुद को ढूँढना
अलसाई शाम और तुमसे मोहब्बत करने की आज़ादी में खुद को ढूँढना है…
कभी खामोशी में…
कभी खालीपन मे…
घंटों तुम्हारे एहसासों में खुद को महसूस करना है…
और तुम्हें पाने की चाहत में हर बार यूँही वक़्त की तरह गुजर जाना हैं…
– भूतपूर्व आशिक