**!! अलविदा दीपावली !!*”
**!! अलविदा दीपावली !!*”
ज़रा अदब से उठाना इन बुझे दियों को
बीती रात इन्होंने सबको रोशनी दी थी!
किसी को जला कर खुश होना अलग बात है,
इन्होंने खुद को जलाकर रोशनी की थी!
कितनों ने खरीदा सोना,
मैने एक सुई खरीद ली,
सपनों को बुन सकूं उतनी डोरी खरीद ली।
सबने बदले नोट मैंने अपनी ख्वाहिशें बदल ली,
शौक- ए- जिन्दगी कम करके,
सुकून-ए-जिन्दगी’ खरीद ली….!!!!!