Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Nov 2024 · 1 min read

**!! अलविदा दीपावली !!*”

**!! अलविदा दीपावली !!*”
ज़रा अदब से उठाना इन बुझे दियों को
बीती रात इन्होंने सबको रोशनी दी थी!
किसी को जला कर खुश होना अलग बात है,
इन्होंने खुद को जलाकर रोशनी की थी!
कितनों ने खरीदा सोना,
मैने एक सुई खरीद ली,
सपनों को बुन सकूं उतनी डोरी खरीद ली।
सबने बदले नोट मैंने अपनी ख्वाहिशें बदल ली,
शौक- ए- जिन्दगी कम करके,
सुकून-ए-जिन्दगी’ खरीद ली….!!!!!

14 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कुछ लोगो ने मुझको पढ्ना बन्द कर दिया।
कुछ लोगो ने मुझको पढ्ना बन्द कर दिया।
Ashwini sharma
जो दिल में उभरती है उसे, हम कागजों में उतार देते हैं !
जो दिल में उभरती है उसे, हम कागजों में उतार देते हैं !
DrLakshman Jha Parimal
" दिल "
Dr. Kishan tandon kranti
उनकी आंखो मे बात अलग है
उनकी आंखो मे बात अलग है
Vansh Agarwal
फिर कैसे विश्राम हो कोई ?
फिर कैसे विश्राम हो कोई ?
AJAY AMITABH SUMAN
बेमेल शादी!
बेमेल शादी!
कविता झा ‘गीत’
*पृथ्वी दिवस*
*पृथ्वी दिवस*
Madhu Shah
" अकाल्पनिक मनोस्थिति "
Dr Meenu Poonia
कविता
कविता
Pushpraj devhare
ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
ग़ज़ल _ छोटी सी ज़िंदगी की ,,,,,,🌹
Neelofar Khan
दोहे- चरित्र
दोहे- चरित्र
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तंग अंग  देख कर मन मलंग हो गया
तंग अंग देख कर मन मलंग हो गया
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"अच्छी थी, पगडंडी अपनी,
Rituraj shivem verma
जनता नहीं बेचारी है --
जनता नहीं बेचारी है --
Seema Garg
जैसे हम,
जैसे हम,
नेताम आर सी
चलना था साथ
चलना था साथ
Dr fauzia Naseem shad
चौथापन
चौथापन
Sanjay ' शून्य'
है शामिल
है शामिल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
..
..
*प्रणय प्रभात*
साहित्य में बढ़ता व्यवसायीकरण
साहित्य में बढ़ता व्यवसायीकरण
Shashi Mahajan
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
Ranjeet kumar patre
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
Jitendra Chhonkar
नरसिंह अवतार विष्णु जी
नरसिंह अवतार विष्णु जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता (गीत)*
*दुष्टों का संहार करो प्रभु, हमसे लड़ा न जाता (गीत)*
Ravi Prakash
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
3973.💐 *पूर्णिका* 💐
3973.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*प्यार का रिश्ता*
*प्यार का रिश्ता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
अजनबी !!!
अजनबी !!!
Shaily
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
तवाफ़-ए-तकदीर से भी ना जब हासिल हो कुछ,
Kalamkash
Not the people but the mind, Not the storm but the silence,
Not the people but the mind, Not the storm but the silence,
पूर्वार्थ
Loading...