अर्धज्ञान
अर्धज्ञान का प्रचार एवं प्रसार जनसाधारण के विवेक पर प्रभाव डाल कर उनकी व्यक्तिगत विश्लेषणात्मक प्रज्ञा एवं तर्क क्षमता को संकुचित करता है।
अर्धज्ञान का प्रचार एवं प्रसार जनसाधारण के विवेक पर प्रभाव डाल कर उनकी व्यक्तिगत विश्लेषणात्मक प्रज्ञा एवं तर्क क्षमता को संकुचित करता है।