Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2020 · 2 min read

अर्थांगनी

सप्तपदी के फेरे लेते वक्त जिसके साथ जीने मरने कि कसम खाती है, वह पत्नी अपना पूरा जीवन अपने पति की खुशीयो के लिए समर्पित कर देती है। हवन कुंड़ की पवित्र अग्नि व सभी देवो की साक्षी में अपने पति के हर एक वचन को पूरा करना अपना धर्म मानती है। विवाह के पश्चात स्त्री अपने से ज्यादा अपने पति की खुशीयो के लिए जीती है। ऐसी त्याग की मूर्त केवल एक पत्नी ही हो सकती है। जो पत्नी अपने पतिव्रतता का पालन हर परिस्थिति में करती है, वास्तव में वही आदर्श पत्नी कहलाने योग्य है।
हमारे वेद शास्त्रो में तो पत्नी को अर्थांगनी का दर्जा दिया हुआ है। अर्थांगनी का अर्थ होता है पुरूष के शरीर का आधा भाग। जिसके बिना गृहस्थ जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती। पुरुष के बिना स्त्री और स्त्री के बिना पुरूष अधूरा है। पुरुष के शरीर का आधा भाग उसकी पत्नी को माना जाता है। जो स्त्री अपने पति के प्रत्येक सुख-दु:ख, अनुकूल-प्रतिकूल परिस्थिति में उसका साथ उसकी आत्मा की तरह दे, वही आदर्श पत्नी कहलाती है। जो किसी भी परिस्थिति में अपने पति का हाथ कभी नही छोड़ती। अपने पति के उच्चारित वचन को ईश्वर की वाणी के तुल्य मानती है, जिसे वह किसी भी भांती पूरा कर के ही दम लेती है। एक आदर्श पत्नी अपना प्रत्येक काम अपने पति की इच्छानुरुप करती है, ऐसा कोई भी कार्य नही करती, जिससे पति के हदय को ठेस पहुंचे। पति के सन्मुख प्रत्येक वचन को सोच विचार कर उच्चारण करती है, जिससे पति का हदय प्रसन्न हो।
भारतीय संस्कृति में ऐसे गुणो से युक्त स्त्री ही एक आदर्श पत्नी कहलाती है। एक आदर्श पत्नी के सतीत्व के आगे तो तीनो देव भी नतमस्तक हो गए, जो सती अनसूया की परीक्षा लेने आऐ थे। एक आदर्श पत्नी के लिए तो उसका पति ही सर्वेसर्वा होता है, जिसके लिए वह यमराज तक से भीड़ कर अपने पति के प्राण वापस लेकर आ गई।
एक आदर्श पत्नी जब अपने पतिव्रतता का पालन जब पूर्ण निष्ठा से करे तो प्रकृति भी अपने को गौण समझने लगती है। गंर पत्नी बनाने मे आऐ तो एक कुटिया को भी महल बना दे, चाहे तो महल को भी खंड़र। एक पत्नी के सतीत्व में इतनी ताकत होती है, वह हर असंभव कार्य को भी संभव करार दे।

इसलिए कहते है:-
सास तीर्थ, ससुर तीर्थ
तीर्थ साला, साली है।
दूनिया के सब तीर्थ झूठे,
चारो धाम घरवाली है॥

आपका अपना
लक्की सिंह चौहान
ठि.:-बनेड़ा (राजपुर)

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 4 Comments · 465 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Interest vs interrupt
Interest vs interrupt
Rj Anand Prajapati
बचाओं नीर
बचाओं नीर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Akshay patel
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
बेशक मैं उसका और मेरा वो कर्जदार था
हरवंश हृदय
ज़रा सा इश्क
ज़रा सा इश्क
हिमांशु Kulshrestha
सही कदम
सही कदम
Shashi Mahajan
बरसात
बरसात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
" जूते "
Dr. Kishan tandon kranti
क़दमों के निशां
क़दमों के निशां
Dr Mukesh 'Aseemit'
भटकती रही संतान सामाजिक मूल्यों से,
भटकती रही संतान सामाजिक मूल्यों से,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जीवन का इतना
जीवन का इतना
Dr fauzia Naseem shad
नमन नमन वसुंधरा नमन नमन तुझे वतन
नमन नमन वसुंधरा नमन नमन तुझे वतन
Dr Archana Gupta
जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया
जिंदगी तेरे सफर में क्या-कुछ ना रह गया
VINOD CHAUHAN
आई तेरी याद तो,
आई तेरी याद तो,
sushil sarna
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
Bidyadhar Mantry
-शेखर सिंह
-शेखर सिंह
शेखर सिंह
आजकल / (नवगीत)
आजकल / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
खिंची लकीर
खिंची लकीर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
4035.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अब तुझे रोने न दूँगा।
अब तुझे रोने न दूँगा।
Anil Mishra Prahari
#चिंतन-
#चिंतन-
*प्रणय*
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
देख के तुझे कितना सकून मुझे मिलता है
Swami Ganganiya
गाल बजाना ठीक नही है
गाल बजाना ठीक नही है
Vijay kumar Pandey
वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता...
वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता...
Ajit Kumar "Karn"
बात शक्सियत की
बात शक्सियत की
Mahender Singh
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
तुमको वो पा लेगा इतनी आसानी से
Keshav kishor Kumar
उसके बदन को गुलाबों का शजर कह दिया,
उसके बदन को गुलाबों का शजर कह दिया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
चुनाव चालीसा
चुनाव चालीसा
विजय कुमार अग्रवाल
Loading...