*अर्जी पर राधा जी लिख दो 【भक्ति गीत】*
अर्जी पर राधा जी लिख दो 【भक्ति गीत】
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(भक्त भगवान को महामिलन के लिए अर्जी देते हैं और राधा जी से उस पर संस्तुति चाहते हैं ।)
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अर्जी = प्रार्थना पत्र ,आवेदन पत्र ,निवेदन-पत्र
संस्तुति = सिफारिश ,समर्थन ,सहयोग
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अर्जी पर राधा जी लिख दो ,संस्तुति प्यारी-प्यारी
(1)
अर्जी जन्मों से अटकी है ,बिगड़ी बात बनाओ
आवागमन-चक्र से हमको ,राधे पार लगाओ
करो सहज हस्ताक्षर होंगे ,हम युग-युग आभारी
अर्जी पर राधा जी लिख दो ,संस्तुति प्यारी-प्यारी
(2)
तुमने जिसकी करी सिफारिश ,माधव को पा जाता
कृपा तुम्हारी मतलब यह जुड़ता माधव से नाता
माधव से महिमा राधा जी , ज्यादा हुई तुम्हारी
अर्जी पर राधा जी लिख दो ,संस्तुति प्यारी-प्यारी
(3)
हमें चाहिए माधव वह जो बंसी मधुर बजाएँ
प्रिया-प्रिया यमुना तट पर रटते-रटते जो आएँ
तुम्हें देख प्रमुदित होते हैं ,माधव मुरलीधारी
अर्जी पर राधा जी लिख दो ,संस्तुति प्यारी-प्यारी
(4)
जीव-ब्रह्म का ज्ञान शुष्क है ,इसमें हमें न पड़ना
हमें ध्यान का खेल न आता ,दृष्टि बिंदु पर गड़ना
हमें मिला दो कान्हा जी से ,इतनी विनय हमारी
अर्जी पर राधा जी लिख दो ,संस्तुति प्यारी-प्यारी
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451