~~~~~~ अर्चना ~~~~~~
नवीन गीत लिख सकूँ , नवीन कल्पना दो !
नवीन गीत गा सकूँ , नवीन अर्चना दो !!
नवीन सृष्टी में मुझे , नवीन साज से मुझे ,
सँवार दो निखार दो और मुझे प्यार दो ,
नवीन आवाज से मुझे , नवीन बाज से मुझे ,
गुंजित करो , पुलकित करो , नवीन संसार दो ,
शब्द छन्द ताल का और भी रचना दो !
नवीन गीत लिख सकूँ , नवीन कल्पना दो !!
नये नभ में देखो , नये विहग गा रहे ,
नये नीङ के लिये , नये पात ला रहे ,
सूखे हुये बाग भी , नये बहार ला रहे ,
की वृक्ष भी रुखे हुए , नये गुल खिला रहे ,
नये मुक्त मन में , नवीन अर्चना दो !
नवीन गीत लिख सकूँ , नवीन कल्पना दो !!
नये निर्माण के लिये , नया विहान हो चुका ,
नई सृष्टी के लिए , नया गान हो चुका ,
नये संगीत के लिये , नया साज सज़ चुका ,
नये पवन के लिये , नया ध्वज लहर उठा ,
नवीन आरती सजी , नवीन प्रार्थना दो !
नवीन गीत लिख सकूँ , नवीन कल्पना दो !!