Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Mar 2024 · 1 min read

अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं

अरे सुन तो तेरे हर सवाल का जवाब हूॅ॑ मैं
मत ढूंढ मुझको कहीं और बस ख्वाब हूॅ॑ मैं

1 Like · 99 Views
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अच्छी यादें सम्भाल कर रखा कीजिए
अच्छी यादें सम्भाल कर रखा कीजिए
नूरफातिमा खातून नूरी
ज़िंदगी से गिला
ज़िंदगी से गिला
Dr fauzia Naseem shad
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
अर्थ में प्रेम है, काम में प्रेम है,
Abhishek Soni
मैं हूं वही तुम्हारा मोहन
मैं हूं वही तुम्हारा मोहन
श्रीकृष्ण शुक्ल
दिल से कह देना कभी किसी और की
दिल से कह देना कभी किसी और की
शेखर सिंह
मां
मां
सतीश पाण्डेय
!!! हेलमेट की पुकार !!!
!!! हेलमेट की पुकार !!!
जगदीश लववंशी
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
नव प्रस्तारित सवैया : भनज सवैया
नव प्रस्तारित सवैया : भनज सवैया
Sushila joshi
होते हैं उस पार
होते हैं उस पार
RAMESH SHARMA
ताड़का सी प्रवृत्ति और श्याम चाहिए,
ताड़का सी प्रवृत्ति और श्याम चाहिए,
पूर्वार्थ
बेटी की शादी
बेटी की शादी
विजय कुमार अग्रवाल
टूटते सितारे से
टूटते सितारे से
हिमांशु Kulshrestha
राजनैतिक स्वार्थ
राजनैतिक स्वार्थ
Khajan Singh Nain
#मातृभाषा हिंदी #मातृभाषा की दशा और दिशा
#मातृभाषा हिंदी #मातृभाषा की दशा और दिशा
Radheshyam Khatik
2024
2024
*प्रणय*
दिल के पहरेदार
दिल के पहरेदार
C S Santoshi
फूल का मुस्तक़बिल
फूल का मुस्तक़बिल
Vivek Pandey
बचपन,
बचपन, "बूढ़ा " हो गया था,
Nitesh Kumar Srivastava
अब लगती है शूल सी ,
अब लगती है शूल सी ,
sushil sarna
गीतिका (बता तो दे!)
गीतिका (बता तो दे!)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
गांधीजी की नीतियों के विरोधी थे ‘ सुभाष ’
कवि रमेशराज
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
पल भर तमाशों के बीच ज़िंदगी गुजर रही है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मैं पत्थर की मूरत में  भगवान देखता हूँ ।
मैं पत्थर की मूरत में भगवान देखता हूँ ।
Ashwini sharma
संघर्ष हमारा जीतेगा,
संघर्ष हमारा जीतेगा,
Shweta Soni
Spectacular Superman
Spectacular Superman
Chitra Bisht
*आदर्शों के लिए समर्पित, जीवन ही श्रेष्ठ कहाता है (राधेश्याम
*आदर्शों के लिए समर्पित, जीवन ही श्रेष्ठ कहाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
3426⚘ *पूर्णिका* ⚘
3426⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
अपना कोई नहीं है इस संसार में....
अपना कोई नहीं है इस संसार में....
Jyoti Roshni
Loading...