अरे अभिभावकों ! संभालो अपने नौनिहालों को …
आजकल देखने में आ रहा है की बागबान (अभिभावकों) से अपने गुलशन के फूलों की देखभाल सही ढंग से हो नहीं पा रही है ।कुछ तो लापरवाही से और कुछ बदकिस्मती से ( हादसों की वजह से ) अपने जिगर के टुकड़ों को खो रहे हैं।
अब हादसों पर तो किसी का बस नहीं होता ,मगर
लापरवाही से तो खो ही रहें हैं। जल्द अमीर बनने ,
और बच्चों को सारे भौतिक सुख देने की दौड़ में
वो सारा समय पैसों के पीछे भागते हुए दिखते है।
और जो वास्तव में माता पिता का साथ,उनका दुलार ,उनका कीमती समय ,जिसके वो हकदार है ,
वो उन्हें नहीं मिल रहा ।जिसकी वजह से उनके नौनिहाल चारित्रिक रूप से भटक रहे हैं।
आज के युवा और यहां तक के किशोरावस्था को प्राप्त मासूम बच्चे भी नशा खोरी ,चोरी डकैती ,हत्या,
लूटमार ,आगजनी , आतंकवाद , वेश्यावृति और बलात्कार जैसे जधन्य अपराधों में संलग्न है।
आखिर उनको इन अपराधों से ,इस चारित्रिक पतन से कौन बचाएगा? किस किस को सजा देगी ,
कब तक सजा देगी अदालत ? यह कोई स्थाई समाधान नहीं है । इस विष बेल को ऊपर ऊपर से काटते रहना कोई हल नहीं है । हल है इसका इस विष बेल को जड़ से ही उखाड़ देना ।
और हमारी सरकार कर क्या रही है ? कुछ नहीं !
हमारी सरकार इस मामले में निष्क्रिय है , अकर्मण्य है ।उनके पास सिर्फ अपराध नामक महारोग का कोई इलाज नहीं । या तो फांसी या कुछ समय की हवालात ।बस ! इस महारोग को जड़ से खत्म करने का इनके पास कोई इलाज या समाधान नहीं है। सबसे पहले यह गंदगी जहां से आ रही है उस गटर ( बॉलिवुड )
को साफ करना या सदा के लिए बंद कर देना ।
यह कौन करेगा ? किसकी जिम्मेदारी है ? जाहिर है
यह ताकत केवल मौजूदा सरकार के पास सुरक्षित है ।
मगर उसका इस और ध्यान ही नहीं है। और बहुत बड़े बड़े मामले है इनके पास इससे भी अधिक महत्वपूर्ण ,
इस संगीन मामले के लिए हमारी सरकार के पास न तो फुर्सत है ना मोहलत और न ही दिलचस्पी ।
अगर यही हाल रहा तो किसे कहोगे अपने देश का भविष्य ,क्या इन भटकती युवा पीढ़ी को ?
क्या इन्हें सौंपेगे देश की बागडोर ? अरे ! पहले इन्हें किसी काबिल तो बनाओ ! अरे अभिभावकों ! यहां तुम्हारा फर्ज सबसे पहले है अपने बच्चों को संभालो ।
रुपयों पैसों जैसा धन मत दो इन्हें ! वो तो यह काबिल हुए तो खुद ही कमा लेंगे । इन्हें दो संस्कारों का धन ।
ताकि यह एक आदर्श इंसान और एक देशभक्त नागरिक और देश का स्वर्णिम भविष्य बन सकें ।
और दूसरा फर्ज है सरकार का अपराध को पैदा करने वाले सारे साधन बंद करवाना ।
यह है वास्तव में देश और समाज का वास्तविक विकास और उन्नति । देश में बुलेट ट्रेन और बड़े बड़े पुल बनाने जैसे प्रोजेक्ट से भी महत्व पूर्ण कार्य है मनुष्यों का चारित्रिक विकास ।