Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Mar 2021 · 1 min read

अरमां सबके तेरी अमानत हो जाएँ

1.

अरमां सबके तेरी अमानत हो जाएँ
आगोश में सभी तेरी जन्नत पायें

आशियाँ रोशन हों सबके
तेरे करम से सभी मुस्कराएं

2.

उम्मीद तुझसे है , या खुदा सबको
हर एक शख्स तुझे गुनगुनाये

हो सके तो एहसान ये करना
जहां भी जाएँ , तुझे करीब पायें

Language: Hindi
1 Like · 156 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
अपनी कीमत उतनी रखिए जितना अदा की जा सके
Ranjeet kumar patre
तूफ़ानों से लड़करके, दो पंक्षी जग में रहते हैं।
तूफ़ानों से लड़करके, दो पंक्षी जग में रहते हैं।
डॉ. अनिल 'अज्ञात'
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
चलो माना तुम्हें कष्ट है, वो मस्त है ।
Dr. Man Mohan Krishna
#दिनांक:-19/4/2024
#दिनांक:-19/4/2024
Pratibha Pandey
कहना तो बहुत कुछ है
कहना तो बहुत कुछ है
पूर्वार्थ
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
वर्तमान के युवा शिक्षा में उतनी रुचि नहीं ले रहे जितनी वो री
Rj Anand Prajapati
अभिव्यक्ति
अभिव्यक्ति
Punam Pande
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
धर्म, ईश्वर और पैगम्बर
Dr MusafiR BaithA
जान लो पहचान लो
जान लो पहचान लो
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
* कभी दूरियों को *
* कभी दूरियों को *
surenderpal vaidya
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
बहुत आसान है भीड़ देख कर कौरवों के तरफ खड़े हो जाना,
Sandeep Kumar
कश्ती औऱ जीवन
कश्ती औऱ जीवन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
दृष्टिकोण
दृष्टिकोण
Dhirendra Singh
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
Ravi Prakash
यहां
यहां "ट्रेंडिंग रचनाओं" का
*Author प्रणय प्रभात*
मातु काल रात्रि
मातु काल रात्रि
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
इंतहा
इंतहा
Kanchan Khanna
सत्यं शिवम सुंदरम!!
सत्यं शिवम सुंदरम!!
ओनिका सेतिया 'अनु '
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
पिया मोर बालक बनाम मिथिला समाज।
Acharya Rama Nand Mandal
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
gurudeenverma198
हाइकु (#हिन्दी)
हाइकु (#हिन्दी)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
माँ में दोस्त मिल जाती है बिना ढूंढे ही
ruby kumari
दान की महिमा
दान की महिमा
Dr. Mulla Adam Ali
जीवन का अंत है, पर संभावनाएं अनंत हैं
जीवन का अंत है, पर संभावनाएं अनंत हैं
Pankaj Sen
संवेदना प्रकृति का आधार
संवेदना प्रकृति का आधार
Ritu Asooja
वैमनस्य का अहसास
वैमनस्य का अहसास
Dr Parveen Thakur
वक्त का घुमाव तो
वक्त का घुमाव तो
Mahesh Tiwari 'Ayan'
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
बिहनन्हा के हल्का सा घाम कुछ याद दीलाथे ,
Krishna Kumar ANANT
विश्व वरिष्ठ दिवस
विश्व वरिष्ठ दिवस
Ram Krishan Rastogi
Loading...