अयोध्या मुद्दे पर मेरी कुछ पंक्तियाँ
क्यों मंदिर और मस्जिद के मुद्दे को इतना प्रबल बनाया है,
जबकि मंदिर में भगवान और मस्जिद में खुदाया है,
उस मालिक की सुरक्षा में लगा ये जमाना है,
जिसने इस सारे जहाँ को इतना खूबसूरत बनाया है,
उसके लिए न्याय की तलाश है सारी आबाम को,
जिसने गीता सार और क़ुरआने आयत से सभी को रास्ता दिखाया है,
क्या फर्क पड़ता है अयोध्या में मंदिर बने या मजार,
दोनों में ही बैठेगा सबका मालिक सबका पालनहार,
धर्म के नाम पर बस दंगों को बढ़ाबा दिया जाता है,
जो पहन नही सकता महँगे बस्त्र जो खा नहीं सकता ढेर सारे पकवान,
उसके लिए लाखो का चढ़ावा चढ़ाया जाता है,
कोई नेता आता है हिन्दू कोई आता है मुस्लमान,
क्यों कोई नेता आज तक नहीं आया बनके सिर्फ इंसान,
एक नेता का फैसला हमेशा जनहित में जारी होना चाहिए,
कोई फैसला हिन्दू या मुस्लमान पे नहीं हाबी होना चाहिए,
बढ़ता ही जा रहा है दिन प्रतिदिन मजहब पे लड़ने वालों का हौसला,
क्यों सरकार व्यर्थ के कार्यों को छोड़ कर इस मुद्दे का नहीं करती फैसला,