अमृत और जहर
प्रकृति ने अमृत और जहर दोनों बनाए हैं। लेकिन मनुष्य को सबसे ज्यादा जहर का उपयोग करना पड़ता है।अमृत से ज्यादा जहर किमती हो गया है। क्योंकि मनुष्य जब बीमार होता है,तब उसे जहर वाली दवाएं ज्यादा दी जाती है। किसी भी बीमारी में अमृत नही दिया जाता है। इसलिए हमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण जहर हो गया है। और प्रकृति में भी किसी भी जीव में जहर पाया जाता है, ऐसा कोई भी जीव, पेड़ और वनस्पति बिना जहर के नही होगी। लेकिन हम अमृत को ज्यादा महत्व देते हैं। क्योंकि अमृत का प्रचार बहुत ज्यादा हो गया है। इसलिए उसने अपनी पहचान बना ली है। और जहर मिडिया के सामने नही आ पाया है। इसलिए वह अपना यश स्थापित नही कर पाया है।