*अमृत-उत्सव छाया (गीत)*
अमृत-उत्सव छाया (गीत)
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धन्य-धन्य जो भारत भर में अमृत-उत्सव छाया
बड़ी शान से सब ने घर पर झंडे को फहराया
1
पहले बस प्रधानमंत्री जी इसको थे फहराते
पहले केवल संस्थाओं में नजर राष्ट्रध्वज आते
दृश्य अनूठा हर घर में लहराता इसको पाया
2
हर घर में अनमोल वस्तु अब यह झंडा कहलाता
निर्धन-धनिक सभी के घर में झंडा पाया जाता
एक सरीखा झंडा सबका राष्ट्र-एकता लाया
3
सबके मन में राष्ट्रप्रेम का झंडा भाव जगाता
अनगिन त्याग तपस्या बलिदानों की गाथा गाता
लंबे संघर्षों से हर घर पूजनीय यह आया
धन्य-धन्य जो भारत भर में अमृत-उत्सव छाया
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रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99761 5451