अमृता प्रीतम (साहित्यकार )
पंजाबी साहित्यकार अमृता प्रीतम की जन्म पर
विद्रोही एवं बगावती तेवर , रचनाओं के पीछे छिपा आक्रोश, प्रेम और आजादी और खुद्दारी वे तत्व है जो उनके व्यक्तित्व को एक आकार में ढालते है । उनका यह कहना – ‘मेरी सारी रचनाएं, क्या कविता, क्या कहानी, क्या उपन्यास, सब एक नाजायज बच्चे की तरह हैं. मेरी दुनिया की हकीकत ने मेरे मन के सपने से इश्क किया और उसके वर्जित मेल से ये रचनाएं पैदा हुईं ।
इससे उनकी अपनी रचनाओं में व्यक्त सपाट बानी , विद्रोही आवाज स्पष्ट होती है हो भी क्यों न हो ।जो अमृता जी ने भोगा था उसकी कृतियों में अभिव्यक्ति होना स्वभाविक था ।