Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Feb 2024 · 1 min read

अमावस्या में पता चलता है कि पूर्णिमा लोगो राह दिखाती है जबकि

अमावस्या में पता चलता है कि पूर्णिमा लोगो राह दिखाती है जबकि अमावस्या भटका देती है कितना बड़ा संगत का असर है।
RJ Anand Prajapati

244 Views

You may also like these posts

ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
पेजर ब्लास्ट - हम सब मौत के साये में
पेजर ब्लास्ट - हम सब मौत के साये में
Shivkumar Bilagrami
B52 - Nơi giải trí hàng đầu, thách thức mọi giới hạn với nhữ
B52 - Nơi giải trí hàng đầu, thách thức mọi giới hạn với nhữ
B52
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
दुर्घटनाओं के पीछे जन मानस में क्रांति हो...
SATPAL CHAUHAN
हास्य - रायते का चक्कर
हास्य - रायते का चक्कर
Sudhir srivastava
बचपन
बचपन
Kanchan Khanna
*तितली (बाल कविता)*
*तितली (बाल कविता)*
Ravi Prakash
4681.*पूर्णिका*
4681.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कितनी उम्मीद है लोगों की हमसे,
कितनी उम्मीद है लोगों की हमसे,
Ajit Kumar "Karn"
तुम्हारा पहला पहला प्यार
तुम्हारा पहला पहला प्यार
Akash Agam
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
घट भर पानी राखिये पंक्षी प्यास बुझाय |
Gaurav Pathak
.
.
NiYa
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
मृदा प्रदूषण घातक है जीवन को
Buddha Prakash
जनता मारेगी कोड़ा
जनता मारेगी कोड़ा
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
भूल
भूल
Neeraj Agarwal
रोटियों के हाथों में
रोटियों के हाथों में
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे  जिससे हर य
यदि कोई देश अपनी किताबों में वो खुशबू पैदा कर दे जिससे हर य
RAMESH Kumar
सुंदरता हर चीज में होती है बस देखने वाले की नजर अच्छी होनी च
सुंदरता हर चीज में होती है बस देखने वाले की नजर अच्छी होनी च
Neerja Sharma
हक़ीक़त
हक़ीक़त
Shyam Sundar Subramanian
सेवा में,,,
सेवा में,,,
*प्रणय*
पेड़
पेड़
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
छाई रे घटा घनघोर,सखी री पावस में चहुंओर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
अधखिला फूल निहार रहा है
अधखिला फूल निहार रहा है
VINOD CHAUHAN
माँ
माँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
कविता
कविता
Nmita Sharma
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
जिसको दिल में जगह देना मुश्किल बहुत।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...