*अमर रहेंगे वीर लाजपत राय श्रेष्ठ बलिदानी (गीत)*
अमर रहेंगे वीर लाजपत राय श्रेष्ठ बलिदानी (गीत)
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अमर रहेंगे वीर लाजपत राय श्रेष्ठ बलिदानी
1
देह नवंबर सत्रह सन् अठ्ठाइस को थी त्यागी
बुझे हुए भारत में इससे नई आग थी जागी
लाठी की चोटों से लालाजी ने प्राण गॅंवाए
यह पंजाब-केसरी थे जो नई धड़कनें लाए
याद रखेगा भारत लाला जी की प्रखर कहानी
2
यह विरोध था छिड़ा कमीशन-साइमन के आने का
यह आंदोलन था भारत में आजादी लाने का
यह था सिंह दहाड़ा जिसकी व्यापक गूॅंज सही थी
यह था उग्र विरोध क्रांति की धारा जहॉं बही थी
उठी तीन की तिकड़ी बदला लेने को अभिमानी
3
पहली गोली वीर राजगुरु ने थी बढ़कर मारी
भगत सिंह की गोली का फिर हुआ देश आभारी
ढेर हुआ सांडर्स पुलिस का जो ऊॅंचा अधिकारी
जीता हिंदुस्तान कॉंपती दीखी सत्ता सारी
यह प्रतिशोध अनूठा इसकी जड़ में छिपी जवानी
4
भगत सिंह सुखदेव राजगुरु का यह पुण्य प्रणाम था
हत्या का बदला लेने का किया कार्य अभिराम था
इसका अर्थ यही था भारत होकर मुक्त रहेगा
निडर क्रांतिकारी-भारत अब शोषण नहीं सहेगा
यों स्वतंत्रता की सजधज से हुई शुरू अगवानी
अमर रहेंगे वीर लाजपतराय श्रेष्ठ बलिदानी
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451