Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Dec 2023 · 1 min read

#अभी_अभी

#अभी_अभी
(सुनने में आ रहा है। मानने में कोई हर्ज नहीं। इतिहास कहता है)

Language: Hindi
1 Like · 173 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर
बेशक आजमा रही आज तू मुझको,मेरी तकदीर
Vaishaligoel
देश हमारा भारत प्यारा
देश हमारा भारत प्यारा
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*चलो आओ करें बच्चों से, कुछ मुस्कान की बातें (हिंदी गजल)*
*चलो आओ करें बच्चों से, कुछ मुस्कान की बातें (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
चिड़ियाघर
चिड़ियाघर
Dr Archana Gupta
रंगों का कोई धर्म नहीं होता होली हमें यही सिखाती है ..
रंगों का कोई धर्म नहीं होता होली हमें यही सिखाती है ..
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मन में मातम हो कहीं,
मन में मातम हो कहीं,
TAMANNA BILASPURI
*संस्कार*
*संस्कार*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
The wrong partner in your life will teach you that you can d
The wrong partner in your life will teach you that you can d
पूर्वार्थ
अपनी नज़र में सही रहना है
अपनी नज़र में सही रहना है
Sonam Puneet Dubey
गुरु रामदास
गुरु रामदास
कवि रमेशराज
हाथों से करके पर्दा निगाहों पर
हाथों से करके पर्दा निगाहों पर
gurudeenverma198
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
मुनाफ़िक़ दोस्त उतना ही ख़तरनाक है
अंसार एटवी
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏 *गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"मुफलिसी"
Dr. Kishan tandon kranti
आत्मीयता न होगी
आत्मीयता न होगी
Dr fauzia Naseem shad
पिता
पिता
Sanjay ' शून्य'
तेरी कुर्बत में
तेरी कुर्बत में
हिमांशु Kulshrestha
यक्ष प्रश्न है जीव के,
यक्ष प्रश्न है जीव के,
sushil sarna
कभी ख्यालों में मुझे तू सोचना अच्छा लगे अगर ।
कभी ख्यालों में मुझे तू सोचना अच्छा लगे अगर ।
Phool gufran
ईश्वर की अजीब लीला है...
ईश्वर की अजीब लीला है...
Umender kumar
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
चली लोमड़ी मुंडन तकने....!
singh kunwar sarvendra vikram
डोर
डोर
Dr. Mahesh Kumawat
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
कोई आपसे तब तक ईर्ष्या नहीं कर सकता है जब तक वो आपसे परिचित
Rj Anand Prajapati
बसपन में सोचते थे
बसपन में सोचते थे
Ishwar
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दाल गली खिचड़ी पकी,देख समय का  खेल।
दाल गली खिचड़ी पकी,देख समय का खेल।
Manoj Mahato
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
जरुरत क्या है देखकर मुस्कुराने की।
Ashwini sharma
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
4620.*पूर्णिका*
4620.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...