अभी से चेत जाओ तुम
नदी के गर्भ से इतना, न लेकर रेत जाओ तुम।
खजाना लूटकर ऐसे, न अपने केत जाओ तुम।
पड़ेगी मार जब उसकी, मिले जीवन नहीं फिर से-
प्रकृति के कोप को देखो,अभी से चेत जाओ तुम।
नदी के गर्भ से इतना, न लेकर रेत जाओ तुम।
खजाना लूटकर ऐसे, न अपने केत जाओ तुम।
पड़ेगी मार जब उसकी, मिले जीवन नहीं फिर से-
प्रकृति के कोप को देखो,अभी से चेत जाओ तुम।