अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
प्यार, मोहब्बत, इंसानियत का, खात्मा चल रहा है
जी लो जिंदगी का सफर, हमें कब चले जाना है
संवेदनाएं खत्म हो रही, फिर भी जीवन चल रहा है
स्वतंत्रता स्वतंत्रता पुकारने से कुछ नहीं
अब तो हम अपनी मौत को पुकार रहे हैं
खत्म हो रहे हैं संवेग, भावनाएं ,इंसानियत
फिर भी बाहरी आवरण दिखा रहे हैं