Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Mar 2024 · 1 min read

अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।

अभिमानी सागर कहे, नदिया उसकी धार।
पर जाने पगला नहीं, नारी का इक प्यार।।
अपने को देती मिटा, मां है जिसका नाम
सागर की हर मौज में, बूँद-बूँद का सार।।

सूर्यकांत द्विवेदी

1 Like · 134 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Suryakant Dwivedi
View all
You may also like:
2910.*पूर्णिका*
2910.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
“ प्रजातन्त्र का सम्मान “
“ प्रजातन्त्र का सम्मान “
DrLakshman Jha Parimal
वो बेजुबान कितने काम आया
वो बेजुबान कितने काम आया
Deepika Kishori
बगिया
बगिया
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
अपनी पहचान
अपनी पहचान
Dr fauzia Naseem shad
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
काश तु मेरे साथ खड़ा होता
Gouri tiwari
अपने ज्ञान को दबा कर पैसा कमाना नौकरी कहलाता है!
अपने ज्ञान को दबा कर पैसा कमाना नौकरी कहलाता है!
Suraj kushwaha
"सूर्य -- जो अस्त ही नहीं होता उसका उदय कैसे संभव है" ! .
Atul "Krishn"
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
बदल रहा है ज़माना मगर अंदाज़ नये है ।
Phool gufran
मेरे हिस्से का प्यार भी तुझे ही मिले,
मेरे हिस्से का प्यार भी तुझे ही मिले,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Beginning of the end
Beginning of the end
Bidyadhar Mantry
मेरा भारत देश
मेरा भारत देश
Shriyansh Gupta
पत्थर
पत्थर
manjula chauhan
मुक्तक
मुक्तक
Sonam Puneet Dubey
दोस्ती का सफर
दोस्ती का सफर
Tarun Singh Pawar
अदब अपना हम न छोड़ें
अदब अपना हम न छोड़ें
gurudeenverma198
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
किसी को गुणवान संक्सकर नही चाहिए रिश्ते में अब रिश्ते
पूर्वार्थ
।।
।।
*प्रणय*
Falling Out Of Love
Falling Out Of Love
Vedha Singh
बाल कहानी विशेषांक
बाल कहानी विशेषांक
Harminder Kaur
"एक नज़्म तुम्हारे नाम"
Lohit Tamta
कुण्डल / उड़ियाना छंद
कुण्डल / उड़ियाना छंद
Subhash Singhai
सम्भाला था
सम्भाला था
भरत कुमार सोलंकी
बेटियाँ
बेटियाँ
Raju Gajbhiye
मैंने देखा है बदलते हुये इंसानो को
मैंने देखा है बदलते हुये इंसानो को
shabina. Naaz
" चार पाई"
Dr. Kishan tandon kranti
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
अजब प्रेम की बस्तियाँ,
sushil sarna
*तरबूज (बाल कविता)*
*तरबूज (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Loading...