Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2024 · 1 min read

अभिनव छंद

अभिनव छंद
मापनी: 8/6

निर्मल मन है,सुखदायी।
दूषित कृतियाँ,दुखदायी।।

सच्चई ही,नीति सुधा।
पावन भावन,मधु वसुधा।।

राष्ट्रवाद हो,शिव शैली ।
दृष्टि नहीं हो,मटमैली।।

शुद्ध भाव का,भंडारण।
मधुर शब्द का,उच्चारण।।

दिल में हर्षण,आकर्षण।
प्रेम हमेश,मृदु वर्षण।।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 45 Views

You may also like these posts

नियत और सोच अच्छा होना चाहिए
नियत और सोच अच्छा होना चाहिए
Ranjeet kumar patre
मेले
मेले
Punam Pande
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
3024.*पूर्णिका*
3024.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
9--🌸छोड़ आये वे गलियां 🌸
9--🌸छोड़ आये वे गलियां 🌸
Mahima shukla
भरें भंडार
भरें भंडार
Mahesh Jain 'Jyoti'
करवाचौथ
करवाचौथ
Dr Archana Gupta
𝕾...✍🏻
𝕾...✍🏻
पूर्वार्थ
मौत का पैग़ाम होकर रह गई,
मौत का पैग़ाम होकर रह गई,
पंकज परिंदा
* कभी दूरियों को *
* कभी दूरियों को *
surenderpal vaidya
लक्ष्य
लक्ष्य
Sanjay ' शून्य'
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
तुम्हारी खुशी में मेरी दुनिया बसती है
Awneesh kumar
13) परवाज़
13) परवाज़
नेहा शर्मा 'नेह'
सड़कों पे डूबते कागज़
सड़कों पे डूबते कागज़
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
दिल्ली चलें सब साथ
दिल्ली चलें सब साथ
नूरफातिमा खातून नूरी
राज़ बता कर जाते
राज़ बता कर जाते
Monika Arora
आग और पानी 🔥🌳
आग और पानी 🔥🌳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
इस कदर आज के ज़माने में बढ़ गई है ये महगाई।
शेखर सिंह
sp51 युग के हर दौर में
sp51 युग के हर दौर में
Manoj Shrivastava
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
Johnny Ahmed 'क़ैस'
वो बहुत दिनों बाद .
वो बहुत दिनों बाद .
Abasaheb Sarjerao Mhaske
तस्वीरों का सच
तस्वीरों का सच
Chitra Bisht
मुश्किल से मुश्किल हालातों से
मुश्किल से मुश्किल हालातों से
Vaishaligoel
वक्त.
वक्त.
Heera S
*एनी बेसेंट (गीत)*
*एनी बेसेंट (गीत)*
Ravi Prakash
माहिया - डी के निवातिया
माहिया - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
#कहानी- (रिश्तों की)
#कहानी- (रिश्तों की)
*प्रणय*
रुक -रुक कर रुख पर गिरी,
रुक -रुक कर रुख पर गिरी,
sushil sarna
क्या कहता है ये मौन ?
क्या कहता है ये मौन ?
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
जो कहना है,मुंह पर कह लो
जो कहना है,मुंह पर कह लो
दीपक झा रुद्रा
Loading...