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20 Dec 2020 · 1 min read

अभिनंदन

मुक्तक – अभिनदंन
★★★★★★★★★
संग जितने सभी का आज,
मैं अभिनदंन करता हूँ।
शब्द जय माल करता हूँ,
भाव सब चंदन करता हूँ।
करूँ शुरुवात रचना पाठ का,
इसके पहले यारों।
मातु चंडी के पावन धाम,
का मैं वंदन करता हूँ।
★★★★★★★★★★
स्वरचित©®
डिजेन्द्र कुर्रे, “कोहिनूर”
छत्तीसगढ़(भारत)

Language: Hindi
1 Like · 329 Views
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