अभिनंदन ईमानदार प्रष्ठों का हिंदुस्तान के (गीत)
अभिनंदन ईमानदार प्रष्ठों का हिंदुस्तान के (गीत)
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अभिनंदन ईमानदार पृष्ठों का हिंदुस्तान के
(1)
अभिनंदन उनका जो निर्लोभी पथ के हैं राही
अभिनंदन उनका है जिनकी कलम साधिका स्याही
अभिनंदन उनका न कीमती कोठी कोई चाही
अभिनंदन पद का न अर्थ है जिनके लिए उगाही
दम पर जिनके चमक रहे हैं अक्षर लिखे विधान के
अभिनंदन ईमानदार प्रष्ठों का हिंदुस्तान के
(2)
अभिनंदन जो भ्रष्ट राजनेता को नहीं सुहाते
अभिनंदन षड्यंत्र-जाल में नेता जिन्हें फँसाते
जिन पर हुए प्रहार तोड़ने जिनकी नश्वर काया
दुष्टों ने हथियार हाथ में लेकर जिन्हें गिराया
नमन जहर के घूँटों को जो पिए गए अपमान के
अभिनंदन ईमानदार प्रष्ठों का हिंदुस्तान के
(3)
तर्क खरीदे गए बहस में जिससे उन्हें हराएँ
ऐसा सबक सिखाएँ सब ईमानदार घबराएँ
चक्रव्यूह अभिमन्यु – सरीखा दहक रही ज्वालाएँ
मिले सफलता अगर जेल में लेकर उनको जाएँ
कर्तव्यों के पथ पर किस्से कुटिल सुनो व्यवधान के
अभिनंदन ईमानदार प्रष्ठों का हिंदुस्तान के
(4)
संविधान के रक्षक सौ-सौ पर संज्ञान न आया
बड़े महारथियों ने आकर जिनको नहीं बचाया
अंधकार ने मानो सूरज पर आरोप लगाया
धवल चाँदनी पर कीचड़ ने कलुषित प्रश्न उठाया
पूजो जिनकी साँसों के स्वर हैं जन गण मन गान के
अभिनंदन ईमानदार प्रष्ठों का हिंदुस्तान के
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रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451