अब…
अब…
तुमसे क्या कहना
सोचा पन्नों से बात करूँ
मन बहल जाए शायद
तुमको याद करूँ
और फ़िर
इनसे सारी बात कहूँ
हिमांशु Kulshrestha
अब…
तुमसे क्या कहना
सोचा पन्नों से बात करूँ
मन बहल जाए शायद
तुमको याद करूँ
और फ़िर
इनसे सारी बात कहूँ
हिमांशु Kulshrestha