Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jan 2022 · 1 min read

अब सुनहरी धूप 【गीत】

अब सुनहरी धूप 【गीत】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
अब सुनहरी धूप यह आकाश में छाने लगी
(1)
पंख फैलाकर उड़ी चिड़िया गगन छूने चली
स्वर लिए कर्कश टहलता दिख रहा कौआ बली
सिकुड़े हुए हर एक पौधे में चमक आने लगी
अब सुनहरी धूप यह आकाश में छाने लगी
(2)
धूप के शुभ आगमन की हो रही तैयारियाँ
रंग फूलों का वसन्ती आ गई पिचकारियाँ
माघ जाता देख बूढ़ी शीत भी जाने लगी
अब सुनहरी धूप यह आकाश में छाने लगी
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उ.प्र.)मो. 9997615451

Language: Hindi
Tag: गीत
191 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
जीवन के उपन्यास के कलाकार हैं ईश्वर
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
रचना प्रेमी, रचनाकार
रचना प्रेमी, रचनाकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
2868.*पूर्णिका*
2868.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"अमर रहे गणतंत्र" (26 जनवरी 2024 पर विशेष)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
तुम बिन जाएं कहां
तुम बिन जाएं कहां
Surinder blackpen
କଳା ସଂସ୍କୃତି ଓ ପରମ୍ପରା
କଳା ସଂସ୍କୃତି ଓ ପରମ୍ପରା
Bidyadhar Mantry
कली को खिलने दो
कली को खिलने दो
Ghanshyam Poddar
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
कुछ रातों के घने अँधेरे, सुबह से कहाँ मिल पाते हैं।
Manisha Manjari
।। परिधि में रहे......।।
।। परिधि में रहे......।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
!! गुजर जायेंगे दुःख के पल !!
!! गुजर जायेंगे दुःख के पल !!
जगदीश लववंशी
తేదీ
తేదీ
Otteri Selvakumar
Dear Cupid,
Dear Cupid,
Vedha Singh
बखान गुरु महिमा की,
बखान गुरु महिमा की,
Yogendra Chaturwedi
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
मंत्र: पिडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
Harminder Kaur
उस रात रंगीन सितारों ने घेर लिया था मुझे,
उस रात रंगीन सितारों ने घेर लिया था मुझे,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
डर अंधेरों से नही अपने बुरे कर्मों से पैदा होता है।
डर अंधेरों से नही अपने बुरे कर्मों से पैदा होता है।
Rj Anand Prajapati
औपचारिक हूं, वास्तविकता नहीं हूं
औपचारिक हूं, वास्तविकता नहीं हूं
Keshav kishor Kumar
नारी
नारी
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
सुनो...
सुनो...
हिमांशु Kulshrestha
अहमियत हमसे
अहमियत हमसे
Dr fauzia Naseem shad
दिल का हाल
दिल का हाल
पूर्वार्थ
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
gurudeenverma198
राना लिधौरी के बुंदेली दोहे बिषय-खिलकट (झिक्की)
राना लिधौरी के बुंदेली दोहे बिषय-खिलकट (झिक्की)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
*कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)*
*कोटि-कोटि हे जय गणपति हे, जय जय देव गणेश (गीतिका)*
Ravi Prakash
सामाजिक बहिष्कार हो
सामाजिक बहिष्कार हो
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"अजीब फलसफा"
Dr. Kishan tandon kranti
■ जय लोकतंत्र■
■ जय लोकतंत्र■
*प्रणय प्रभात*
जिंदगी को बड़े फक्र से जी लिया।
जिंदगी को बड़े फक्र से जी लिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
सुनाऊँ प्यार की सरग़म सुनो तो चैन आ जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
ख्याल तुम्हारा आता है जब रात ये आधी लगती है*
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
Loading...