Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2024 · 1 min read

अब मेरे दिन के गुजारे भी नहीं होते हैं साकी,

अब मेरे दिन के गुजारे भी नहीं होते हैं साकी,
बड़ी मुश्किलों से उसका दीदार हो पाता है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

71 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
नज़र भर देखने के लिए चेहरा छिपाना पड़ता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मन
मन
मनोज कर्ण
डोमिन ।
डोमिन ।
Acharya Rama Nand Mandal
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
Ajay Mishra
" वेश्या "
Dr. Kishan tandon kranti
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
अब मत खोलना मेरी ज़िन्दगी
शेखर सिंह
दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
दलित साहित्यकार कैलाश चंद चौहान की साहित्यिक यात्रा : एक वर्णन
Dr. Narendra Valmiki
Being an
Being an "understanding person" is the worst kind of thing.
पूर्वार्थ
3953.💐 *पूर्णिका* 💐
3953.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सरहद
सरहद
लक्ष्मी सिंह
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
जीवन एक और रिश्ते अनेक क्यों ना रिश्तों को स्नेह और सम्मान क
Lokesh Sharma
खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में
खोजते फिरते हो पूजा स्थलों में
Dhirendra Singh
*ऐसा स्वदेश है मेरा*
*ऐसा स्वदेश है मेरा*
Harminder Kaur
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
मैं अलग हूँ
मैं अलग हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
छंद -रामभद्र छंद
छंद -रामभद्र छंद
Sushila joshi
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
'धुँआ- धुँआ है जिंदगी'
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुस्कानों की बागानों में
मुस्कानों की बागानों में
sushil sarna
गैस कांड की बरसी
गैस कांड की बरसी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
एक समय के बाद
एक समय के बाद
हिमांशु Kulshrestha
कड़वा सच
कड़वा सच
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के
कभी फौजी भाइयों पर दुश्मनों के
ओनिका सेतिया 'अनु '
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी
कच्चे धागों से बनी पक्की डोर है राखी
Ranjeet kumar patre
"हमारी खामी"
Yogendra Chaturwedi
👍👍
👍👍
*प्रणय*
बस करो, कितना गिरोगे...
बस करो, कितना गिरोगे...
डॉ.सीमा अग्रवाल
---माँ---
---माँ---
Rituraj shivem verma
आप कहते हो, मान लेते हैं ,
आप कहते हो, मान लेते हैं ,
Dr fauzia Naseem shad
Loading...